Monday, January 11, 2010

कुछ लम्हे जो याद बना करते है
या तो अन्सुं
या मुस्कान
दिया करते है ....
उन आसुओ को पिए
इंसान जब
मुस्कान का सहारा लिया करते है
तब वो दुसरो को दुखयारी कह
ज़माने को खुश होने का
सबूत दिया करते है....

It was a comment by me on someone's blog....but i think its worth posting..
क्या करूँ
इससे परेशां हूँ मैं
मेरी पहचान क्या
इससे अनजान हूँ मैं
जवाबो का क्या
सवालों से हेरान हूँ मैं
खुद की हद्दो से ही नाराज़ हूँ मैं ..