चल तू सीधा
सीधा सीधा चल तू
बस सीधा बन के ना चल तू
एक के बाद दूजा होगा
हर पल मैं कोई लोचा होगा
बच्चे थे तो भी चलते थे
सीधा सीधा चलने की कोशिश में
कभी गिरते
कभी फिसलते थे
पर दुनिया से सीधा पथ तो
न झेला जाता है
सच की शिक्षा देने वाला ही
जब झूठ पर झूठ गाता है
जब चोकी मैं बैठा
हवलदार ही हर पल पैसे खाता है
जब खुद को दोस्त कहने वाला
सिर्फ काम से ही आता है
जब हर पल एक और नए धोके का
डर सताता है
जब कोई अपना भी
अनजान से जायदा नही बन पता है
तब वो बच्चा क्यूँ गिर जाता है
सीधा बन्ने की कोशिश मैं
सीधा चलना भूल जाता है
उन जैसे लोगों की
क्यूँ वो गिनती बढ़ता है
क्यूँ वो ये भूल जाता है
की
सीधा चलने के लिए हर किसी को
सीधा पथ नही मिल पता है
कभी कभार एक झूठ १०० सच से बढ़कर हो जाता है
क्यूंकि वो सीधे पथ के लिए बोला जाता है .....
Tuesday, May 26, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
hein.... :O
ReplyDeletekabhi jhoot 100 sach se badhkar ho jata hai .bahut hi sudar .
ReplyDeleteबिलकुल सही लिखा है.
ReplyDeleteसही तो लिखा है.
और हाँ जी, आप एक काम और करें. अपनी सेटिंग में कमेन्ट सेटिंग में जाकर word verification को ख़त्म कर दें. इससे आपको और ज्यादा कमेन्ट मिलेंगे.